How to make natural colours (colors) for Holi
March 17, 2011
How to make Natural colours for Holi - होली पर त्वचा को नुक्सान न पहुंचाने वाले प्राकृतिक रंग बनाने की विधि Make use only pure mehendi and not the one mixed with amla (meant to be applied to our hair) as this would be brown in colour. Dry mehendi will not leave colour on your face as it can be easily brushed off. Only when it is a paste (i.e. it is mixed in water) will it leave a slight colour on your face. Thus, it can be used as a pucca / fast colour. Many people like smearing other person's hair with colours. How about doing it with mehendi powder and saving a trip to the parlour?
Other methods
Wet colour:
Yellow You can use the ordinary haldi or "kasturi" haldi which is very fragrant and has enhanced therapeutic effects. Besan can be substituted by atta, maida, rice flour, arra rot (ground nut) powder, fuller's earth (multani mitti) and even talcum powder. Another Method Flowers like Amaltas (Cassia fistula), Marigold / Gainda (Tagetus erecta), Yellow Chrysanthemums, Black Babul (Acacia arabica) yield different shades of yellow. Dry the petals of these flowers in shade and crush them to obtain a fine powder. Mix appropriate quantity of the powder with besan, etc. or use separately. Dry the rind of the Bael fruit (Aegle marmelos) and grind to obtain a yellow powder.
Wet Colour: •Add one teaspoon of haldi to two litres of water and stir well. This can be boiled to increase the concentration of colour and further diluted.
Extracting red from flower petals
Blue Crush the berries (fruits) of the Indigo plant and add to water for desired colour strength. In some Indigo species the leaves when boiled in water yield a rich blue.
Magenta
•Slice or grate one Beet root. Soak in 1 litre of water for a wonderful magenta. Boil or leave overnight for a deeper shade. Dilute.
•The Flame of the Forest (Butea monosperma), known as Tesu, Palash or Dhak in vernacular languages, is the source of the wonderful, traditional colour for Holi. The flowers are soaked overnight in water and can also be boiled to obtain a fragrant yellowish - orange colored water.
Black होली पर त्वचा को नुक्सान न पहुंचाने वाले प्राकृतिक रंग बनाने की विधि पीला रंग: पीला रंग बेसन और हल्दी को मिला कर बनाया जा सकता है. यदि पानी मैं रंग बनाना हो तो उसमे केवल हल्दी मिलाना ही काफी रहेगा. पीला रंग बनाने के लिए हल्दी और बेसन दोनों ही त्वचा के लिए लाभदायक हैं. यह रंग त्वचा को भी साफ़ करेगा और हल्दी antiseptic भी होती है. पीला रंग बनाने के लिए गेंदे के फूलों का भी उपयोग किया जा सकता है. गेंदे के फूलों से पीला रंग बनाने के लिए उन्हें एक बर्तन मैं पानी मैं अच्छी तरह उबाल लें. फिर इस पीले खुशबूदार पानी को एक बाल्टी मैं ठंडा साफ़ पानी लेके उसमे मिला लें. हरा रंग: हरा रंग बनाने के लिए आप नीम के पेड़ की पत्तियों का उपयोग कर सकते हैं. जिस तरह पीला रंग बनाने के लिए गेंदे के फूलों को पानी मैं उबाला था उसी प्रकार नीम की पत्तियों को भी उबाल लें और एक बाल्टी मैं ठंडा पानी लेके उसमें मिला लें और आपका प्राकृतिक हरा रंग तैयार है. हरा रंग बनाने के लिए आप नील और हल्दी को भी मिला सकते हैं. नीला रंग: नीला रंग बनाने के लिए आप नील का उपयोग कर सकते हैं. थोडा नील लेके उसे ठंडे पानी मैं मिला लें और नीला रंग तैयार. नील त्वचा को कुछ फायदा नहीं पहुंचाता पर नुक्सान भी नहीं पहुंचाता. संतरी रंग: संतरी रंग बनाने के लिए आप संतरे के छिलकों को धूप में सुखा के, पीस कर पानी में मिला के उबाल लें और एक बाल्टी ठंडे पानी में मिला लें. गुलाबी रंग: गुलाबी रंग बनाने के लिए आप काली गाजरों का उपयोग कर सकते हैं या फिर चुकंदर का. काली गाजरों को काट के पानी में अच्छे से उबालें और उसे ठंडे पानी में मिला लें. गुलाबी/लाल रंग के लिए आप गुलाब के फूलों का भी उपयोग कर सकते हैं. गुलाब के फूलों को भी पानी में उबाल लें और एक बाल्टी ठंडे पानी में मिला कर उपयोग करें. ब्राउन रंग: ब्राउन रंग बनाने के लिए आप चाए की पत्ती या पाउडर का उपयोग कर सकते हैं. इस प्रकार बनाए हुए प्राकृतिक रंग न तो आप की त्वचा को कोई नुक्सान पहुचाएंगे न आपको इन्हें साफ़ करने के लिए कोई कड़ा परिश्रम करना पडेगा. साथ ही इन खुशबूदार प्राकृतिक रंगों से होली खेलने से आप का मन भी प्रसन्न हो जाएगा. |
|
|
|
|